ग्रीन बिल्डिंग कॉन्क्लेव संपन्न: सतत विकास और डीकार्बोनाइजेशन पर हुई महत्वपूर्ण चर्चा
चंडीगढ़, 18 फरवरी – जलवायु अनुकूलन, सतत बुनियादी ढांचे और निर्माण क्षेत्र में डीकार्बोनाइजेशन को लेकर GRIHA क्षेत्रीय कॉन्क्लेव का आयोजन 17 फरवरी 2025 को चंडीगढ़ में किया गया। इस महत्वपूर्ण आयोजन में सरकारी अधिकारियों, उद्योग जगत के नेताओं, वास्तुकारों और सतत विकास विशेषज्ञों ने भाग लिया। GRIHA काउंसिल द्वारा आयोजित इस कॉन्क्लेव में ग्रीनफिंच रियल एस्टेट इंजीनियर्स एंड कंसल्टेंट्स नॉलेज पार्टनर के रूप में शामिल रहा। यह क्षेत्रीय कॉन्क्लेव श्रृंखला जलवायु-सचेत शहरी विकास को बढ़ावा देने की दिशा में एक अहम कदम साबित हुआ।
उद्घाटन सत्र: स्थिरता अब कोई विकल्प नहीं – संजय सेठ
कार्यक्रम का उद्घाटन GRIHA काउंसिल के उपाध्यक्ष एवं सीईओ तथा TERI के वरिष्ठ निदेशक संजय सेठ ने किया। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि नागरिक नियोजन और भवन निर्माण में स्थिरता को अपनाना अब कोई विकल्प नहीं, बल्कि यह भावी पीढ़ियों की सुरक्षा के लिए एक अनिवार्यता बन चुका है।
प्रतिष्ठित हस्तियों की उपस्थिति
इस कॉन्क्लेव में कई महत्वपूर्ण हस्तियों ने भाग लिया, जिनमें शामिल हैं:
- एस. नारायणन (IFS) – महानिदेशक, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विभाग, हरियाणा सरकार
- टी. सी. नौटियाल (IFS) – सचिव (विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी), चंडीगढ़ प्रशासन
- श्रीमती अनीता कुमारी – सहायक आयुक्त (स्थापना-I), नवोदय विद्यालय समिति, शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार
- श्रीमती शबनम बासी – उप मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं सचिव, GRIHA काउंसिल
- डॉ. अमित दास – संस्थापक एवं सीईओ, ग्रीनफिंच रियल एस्टेट इंजीनियर्स एंड कंसल्टेंट्स
कॉन्क्लेव की प्रमुख चर्चाएँ
1. प्लेनरी सत्र: स्मार्ट सिटी योजना में जलवायु अनुकूलन का एकीकरण
इस सत्र में जलवायु अनुकूलन के लिए डेटा-आधारित समाधानों पर चर्चा की गई, जिनमें शामिल थे:
✅ ग्रीन इंफ्रास्ट्रक्चर के माध्यम से शहरी स्थिरता
✅ ऊर्जा-कुशल शहरी नियोजन द्वारा दीर्घकालिक अनुकूलन
✅ जलवायु अनुकूलन के लिए प्रभावी नीतिगत ढांचे
विशेषज्ञों ने तकनीकी नवाचारों और प्रकृति-आधारित समाधानों के संतुलन पर जोर दिया ताकि भारतीय शहरों को भविष्य के लिए तैयार किया जा सके।
2. थीमेटिक ट्रैक 1: सतत बुनियादी ढांचे के माध्यम से हरित परिवर्तन को गति देना
इस सत्र में कार्बन फुटप्रिंट को कम करने पर जोर दिया गया, जिसमें मुख्य बिंदु थे:
✔ सतत अपशिष्ट प्रबंधन रणनीतियां
✔ जल संरक्षण तकनीकें
✔ पर्यावरण-अनुकूल निर्माण नवाचार
साथ ही, सौर ऊर्जा से संचालित भवनों, वर्षा जल संचयन सड़कों और शहरी हरित क्षेत्रों के सफल अभ्यास अध्ययनों (Case Studies) को प्रस्तुत किया गया।
3. थीमेटिक ट्रैक 2: सतत भवन निर्माण सामग्री – डीकार्बोनाइजेशन की दिशा में कदम
इस सत्र में चर्चा के मुख्य विषय रहे:
✔ न्यून-कार्बन निर्माण सामग्री
✔ ऊर्जा-कुशल वास्तुशिल्प डिजाइन
✔ रियल एस्टेट में परिपत्र अर्थव्यवस्था रणनीतियां
उद्योग जगत के विशेषज्ञों ने इस बात पर जोर दिया कि सरकार और निजी क्षेत्र के संयुक्त प्रयासों से सतत निर्माण सामग्रियों के उपयोग को बढ़ावा देना आवश्यक है।
कॉन्क्लेव के प्रमुख निष्कर्ष (Key Outcomes)
✅ समझौता ज्ञापन (MoUs) हस्ताक्षरित – सतत शहरी विकास को बढ़ावा देने के लिए प्रमुख संस्थानों के साथ साझेदारियां स्थापित की गईं।
✅ सम्मान समारोह – GRIHA रेटिंग्स के तहत हरित भवन पहलों में उत्कृष्ट योगदान देने वालों को सम्मानित किया गया।
✅ नेटवर्किंग एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम – नीति निर्माताओं, उद्योग जगत के नेताओं और सतत विकास विशेषज्ञों के बीच सहयोग को मजबूत करने के लिए विभिन्न इंटरैक्टिव सत्र आयोजित किए गए।
सांस्कृतिक संध्या और समापन
कॉन्क्लेव का समापन एक सांस्कृतिक संध्या और नेटवर्किंग डिनर के साथ हुआ, जहां प्रतिभागियों ने जलवायु-लचीला और सतत विकास के लिए ठोस रणनीतियों पर चर्चा जारी रखी। इस आयोजन ने ग्रीन बिल्डिंग और सतत शहरी विकास के लिए नए दृष्टिकोण प्रस्तुत किए और भावी रणनीतियों की नींव रखी।