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महाकुंभ में भगदड़ के बाद अखाड़ों ने मौनी अमावस्या ‘अमृत स्नान’ किया रद्द: महंत रविंद्र पुरी

प्रयागराज, 29 जनवरी 2025: महाकुंभ मेले के दौरान मौनी अमावस्या के पावन अवसर पर संगम में स्नान के लिए उमड़ी भारी भीड़ के कारण भगदड़ की स्थिति उत्पन्न हो गई। इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना में कम से कम 38 श्रद्धालुओं की मृत्यु हो गई, जबकि दर्जनों अन्य घायल हो गए। इस घटना के बाद अखाड़ों ने मौनी अमावस्या के ‘अमृत स्नान’ को रद्द करने की घोषणा की।

भगदड़ की स्थिति कैसे बनी?

माघी पूर्णिमा के मौके पर लाखों श्रद्धालु गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम पर स्नान के लिए एकत्रित हुए थे। बढ़ती भीड़ और अव्यवस्थित व्यवस्था के कारण अचानक भगदड़ मच गई। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, भीड़ अत्यधिक बढ़ने से कई लोग गिर गए, जिसके बाद अफरा-तफरी का माहौल बन गया। इस भगदड़ में महिलाएं और बच्चे सबसे अधिक प्रभावित हुए।

सुरक्षा व्यवस्था और प्रशासन की प्रतिक्रिया

घटना के तुरंत बाद प्रशासन ने बचाव कार्य शुरू किया और रैपिड एक्शन फोर्स (RAF) को तैनात किया गया। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस घटना पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए मृतकों के परिजनों को हर संभव सहायता देने का आश्वासन दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी शोक संवेदना व्यक्त की और पीड़ितों के परिवारों के लिए सहायता की घोषणा की।

अखाड़ों ने ‘अमृत स्नान’ किया रद्द

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी ने घोषणा की कि सभी अखाड़े मौनी अमावस्या पर होने वाले ‘अमृत स्नान’ में भाग नहीं लेंगे। उन्होंने कहा, “हमारे सभी संत और महंत स्नान के लिए तैयार थे, लेकिन इस घटना की जानकारी मिलने के बाद हमने अपना स्नान रद्द करने का निर्णय लिया है।”

महाकुंभ और श्रद्धालुओं की अपील

महाकुंभ, हर 12 वर्षों में आयोजित होने वाला विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन है, जिसमें करोड़ों श्रद्धालु पवित्र नदियों में स्नान कर अपने पापों से मुक्ति की कामना करते हैं। इस वर्ष का महाकुंभ विशेष रूप से महत्वपूर्ण था, क्योंकि यह 144 वर्षों में पहली बार आयोजित हो रहा था, जिसमें 40 करोड़ से अधिक लोगों के शामिल होने की उम्मीद थी।

प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे संगम क्षेत्र में अधिक भीड़ से बचने के लिए निकटतम घाटों पर ही स्नान करें और सुरक्षा नियमों का पालन करें। साथ ही, भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत किया जा रहा है।

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