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कृषि, शोध और स्टार्टअप्स के विकास से उभरेगा भारत: उपराष्ट्रपति

मोहाली 17 फ़रवरी 2025 (नरिंदर चावला):- उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ ने राष्ट्रीय कृषि-खाद्य एवं जैव विनिर्माण संस्थान (NABI) में उन्नत उद्यमिता और कौशल विकास कार्यक्रम (A-ESDP) परिसर का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने देश के किसानों, कृषि क्षेत्र, शोध और स्टार्टअप्स के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “मैं स्वयं एक किसान का बेटा हूँ और किसान का बेटा हमेशा सत्य के प्रति समर्पित रहेगा।”

गाँवों से विकसित भारत का निर्माण

उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारत की आत्मा उसके गाँवों में बसती है और वहीं से विकसित भारत का मार्ग निकलता है। उन्होंने कहा कि यह शताब्दी भारत की है, और देश को ग्रामीण क्षेत्रों के समावेशी विकास पर ध्यान देना चाहिए।

उन्होंने बताया कि कृषि क्षेत्र में सरकार की नीतियाँ किसानों के लिए अत्यंत लाभकारी हैं। सरकार बड़े पैमाने पर वेयरहाउसिंग और सहकारी आंदोलन को बढ़ावा देकर किसानों को भंडारण की सुविधा दे रही है। उन्होंने कहा, “कृषि और किसानों के साथ कोई समझौता नहीं होना चाहिए, यही हमारा मंत्र होना चाहिए।”

भारत का गौरवशाली अतीत और पुनरुत्थान

श्री धनखड़ ने भारत के गौरवशाली इतिहास की चर्चा करते हुए कहा कि नालंदा और तक्षशिला जैसी प्राचीन संस्थाएँ ज्ञान का केंद्र थीं, लेकिन आक्रांताओं ने उन्हें नष्ट कर दिया। उन्होंने कहा कि भारत अब पुनः उभर रहा है और वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान मजबूत कर रहा है।

शोध को व्यवहारिक बनाने पर जोर

शोध के महत्व पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि शोध केवल कागज़ों तक सीमित नहीं होना चाहिए, बल्कि उसका वास्तविक प्रभाव दिखना चाहिए। उन्होंने कहा, “ऐसा शोध होना चाहिए जिसका प्रभाव भूकंप की तरह महसूस हो। शोध का उद्देश्य ज्ञान बढ़ाना ही नहीं, बल्कि व्यावहारिक समाधान निकालना भी होना चाहिए।”

स्टार्टअप्स को गाँवों तक पहुँचाने की आवश्यकता

उपराष्ट्रपति ने कहा कि टियर-2 और टियर-3 शहरों में स्टार्टअप्स तेजी से बढ़ रहे हैं, लेकिन अब उन्हें गाँवों तक ले जाने की जरूरत है। उन्होंने सुझाव दिया कि ग्रामीण क्षेत्रों में सूक्ष्म उद्योग स्थापित किए जाएँ, जिससे कृषि उत्पादों और डेयरी उत्पादों का मूल्य संवर्धन किया जा सके। उन्होंने कहा, “गाँवों में आइसक्रीम, पनीर और अन्य उत्पाद बनाने वाले उद्योग विकसित होने चाहिए, ताकि रोजगार के अवसर बढ़ें और ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत हो।”

तकनीक से बढ़ेगी कृषि उत्पादकता

श्री धनखड़ ने किसानों से अपील की कि वे नई तकनीकों को अपनाएँ और उनके फायदों के बारे में जागरूक रहें। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि कई किसान पुराने ट्रैक्टरों पर निर्भर रहते हैं, जबकि नई तकनीकों से अधिक ईंधन-कुशल और पर्यावरण-अनुकूल मशीनें उपलब्ध हैं। उन्होंने किसानों को सामूहिक प्रयासों के माध्यम से अपने उत्पादों को उचित मूल्य पर बेचने के लिए प्रेरित किया।

सहभागिता से होगा राष्ट्र निर्माण

उन्होंने कहा, “हमें यह स्वीकार करना होगा कि राष्ट्र सर्वोपरि है। किसी भी स्वार्थ—चाहे व्यक्तिगत हो या राजनीतिक—को राष्ट्रीय हित से ऊपर नहीं रखा जा सकता।” उन्होंने ग्रामीण विकास, शोध, तकनीकी नवाचार और उद्यमिता को भारत के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण बताया।

इस अवसर पर पंजाब सरकार के प्रशासनिक सचिव श्री प्रियांक भारती, प्रोफेसर अश्विनी पारीक, कार्यकारी निदेशक, ब्रिक-नाबी, सुश्री एकता विश्नोई, संयुक्त सचिव, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

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