क्रैश ब्लैकआउट ड्रिल के दौरान मोहाली में बत्ती गुल
एसएएस नगर, 7 मई (सीनियर ब्यूरो चीफ: नरिंदर चावला): मोहाली जिले में बुधवार शाम को सिविल डिफेंस उपायों के तहत शाम 7:30 बजे से 7:40 बजे तक क्रैश ब्लैकआउट अभ्यास किया गया, जिसके दौरान लाइटें बंद रखी गईं।
सीनियर पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) साहिबजादा अजीत सिंह नगर, दीपक पारीक ने बताया कि ब्लैकआउट ड्रिल पहले बेस्टेक मॉल में की गई एक मॉक ड्रिल के बाद दूसरे चरण के तहत की गई थी। उन्होंने कहा कि इस अभ्यास का उद्देश्य संभावित हवाई हमलों या युद्ध जैसी स्थितियों के दौरान आपातकालीन प्रतिक्रिया के लिए नागरिकों को तैयार करना था।
प्रोटोकॉल के बारे में जानकारी देते हुए एसएसपी पारीक ने कहा कि ऐसी परिस्थितियों में सभी लाइटें, इन्वर्टर और जेनरेटर को पूरी तरह से बंद कर देना चाहिए। ऑटो-ऑन सोलर/सीसीटीवी लाइटों को बंद कर देना चाहिए और वाहनों को सड़क के किनारे खड़ा कर, लाइटें बंद कर देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हवाई हमलों के दौरान संभावित लक्ष्यों से बचने के लिए क्रैश ब्लैकआउट एक महत्वपूर्ण आपातकालीन उपाय माना जाता है।

एसएसपी ने ऊंची इमारतों में रहने वाले निवासियों को हवाई हमले की स्थिति में ग्राउंड फ्लोर या भूमिगत आश्रय स्थलों में जाने की सलाह दी। जिन लोगों को तुरंत कोई आश्रय नहीं मिलता, उन्हें पेड़ों के नीचे शरण लेने की सलाह दी गई। उन्होंने कहा कि अगर हम ऐसी आपातकालीन स्थितियों से निपटने का अभ्यास कर चुके होंगे तो हमें अपनी आत्मरक्षा के दौरान बड़ा लाभ मिलेगा।
इसके अलावा, एसएसपी पारीक ने सोशल मीडिया पर गलत जानकारी और भड़काऊ संदेश फैलाने के खिलाफ चेतावनी भी दी। उन्होंने कहा कि जिम्मेदार नागरिक होने के नाते, हमें अप्रमाणित संदेशों को आगे भेजने से बचना चाहिए जो आतंक फैला सकते हैं और सामाजिक सौहार्द्र को नुकसान पहुंचा सकते हैं। उन्होंने कहा कि जिले के साइबर सेल को अफवाहों के फैलाव की निगरानी और रोकथाम के लिए अलर्ट पर रखा गया है।
एसएसपी पारीक के साथ एसपी (एच) रमंदीप सिंह और डीएसपी पृथ्वी सिंह चहल, एनपीएस लहल, हरसिमरन सिंह बल्ल और अन्य पुलिसकर्मी भी मौजूद थे।