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पंजाब में ई-डी.ए.आर. सॉफ्टवेयर के क्रियान्वयन को लेकर एक दिवसीय प्रशिक्षण सत्र आयोजित

चंडीगढ़, 13 फरवरी: पंजाब सरकार ने सड़क हादसों की रिपोर्टिंग और दावों के त्वरित निपटारे को बेहतर बनाने के उद्देश्य से ई-डी.ए.आर. (इलेक्ट्रॉनिक डिटेल्ड एक्सीडेंट रिपोर्ट) सॉफ्टवेयर के क्रियान्वयन के लिए एक दिवसीय प्रशिक्षण सत्र का आयोजन किया। यह सत्र चंडीगढ़ स्थित मैगसीपा में आयोजित हुआ, जिसमें विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।

यह कार्यक्रम भारत की सुप्रीम कोर्ट और सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के निर्देशों के तहत, पंजाब के परिवहन मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर के मार्गदर्शन में आयोजित किया गया। इसका संचालन नेशनल इंफॉर्मेटिक्स सेंटर (एन.आई.सी.) और परिवहन विभाग, पंजाब ने संयुक्त रूप से किया।

कार्यक्रम में भाग लेने वाले प्रमुख अधिकारी:

इस कार्यक्रम में राज्य परिवहन आयुक्त जसप्रीत सिंह, अतिरिक्त राज्य परिवहन आयुक्त सुखविंदर कुमार, एन.आई.सी. पंजाब के स्टेट हेड विवेक वर्मा, एन.आई.सी. दिल्ली के सी.जी.एम. जतिंदर कुमार, एन.आई.सी. पंजाब के नरिंदर सिंह, एन.आई.सी. अधिकारी पवन गुप्ता और जनरल इंश्योरेंस काउंसिल ऑफ इंडिया की डिप्टी जनरल मैनेजर वसुंधरा सहित कई वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।

ई-डी.ए.आर. प्रणाली के लाभ:

राज्य परिवहन आयुक्त जसप्रीत सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि इस प्रशिक्षण सत्र के दौरान एन.आई.सी. के विशेषज्ञों द्वारा ई-डी.ए.आर. प्रणाली पर विस्तृत प्रस्तुति दी गई। इस दौरान अधिकारियों को हादसों की समयबद्ध और सुव्यवस्थित रिपोर्टिंग सुनिश्चित करने की प्रक्रिया सिखाई गई।

उन्होंने बताया कि ई-डी.ए.आर. प्रणाली वास्तविक समय में दुर्घटनाओं से जुड़े महत्वपूर्ण डेटा एकत्र करने में सक्षम बनाएगी, जिससे त्वरित प्रतिक्रिया दी जा सकेगी। इसके अलावा, दावों के सुव्यवस्थित निपटारे के माध्यम से पीड़ितों और उनके परिवारों को शीघ्र वित्तीय सहायता मिलेगी।

हिट एंड रन मामलों पर विशेष चर्चा:

जनरल इंश्योरेंस काउंसिल ऑफ इंडिया की डिप्टी जनरल मैनेजर वसुंधरा ने हिट एंड रन मामलों में मुआवजे की प्रक्रिया के बारे में जानकारी दी, जिससे दुर्घटनाग्रस्त व्यक्तियों को समय पर वित्तीय सहायता मिल सकेगी।

सड़क सुरक्षा और दुर्घटना प्रबंधन पर जोर:

राज्य परिवहन आयुक्त ने बताया कि इस सत्र के दौरान हादसों की वैज्ञानिक जांच, दुर्घटना पीड़ितों के लिए कैशलेस इलाज और दावों के त्वरित निपटारे जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की गई। उन्होंने कहा कि यह पहल पंजाब में सड़क हादसों की संख्या में कमी लाने और बेहतर जन सुरक्षा सुनिश्चित करने में मददगार साबित होगी।

इस प्रशिक्षण सत्र में क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी (आर.टी.ओ.), मोटर वाहन निरीक्षक (एम.वी.आई.), पुलिस उपाधीक्षक (डी.एस.पी.), स्वास्थ्य विभाग के प्रतिनिधि और नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एन.एच.ए.आई.) के अधिकारी भी शामिल हुए।

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