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पंजाब ने बाढ़ की स्थिति का तुरंत और सहानुभूति से किया मुकाबला; केंद्र से मांगी जवाबदेही और सहायता: हरपाल सिंह चीमा

चंडीगढ़, 6 सितंबर (सीनियर ब्यूरो चीफ़: नरिंदर चावला):- पंजाब के वित्त मंत्री एडवोकेट हरपाल सिंह चीमा ने राज्य में आई विनाशकारी बाढ़ को पिछले पाँच दशकों की सबसे भयावह त्रासदी करार दिया। उन्होंने बताया कि लगातार बारिश से लगभग 2,000 गांव और 4 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं, जबकि 14 जिलों में अब तक 43 लोगों की मौत हो चुकी है।

वित्त मंत्री ने कहा कि इस बाढ़ ने न केवल जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है बल्कि 18 जिलों में 1.72 लाख हेक्टेयर कृषि भूमि, हजारों घरों, पशुओं और सार्वजनिक ढाँचे को भी गंभीर नुकसान पहुँचाया है। उन्होंने बताया कि घग्गर नदी का जल स्तर भी 750 फीट के खतरे के निशान से ऊपर चला गया है।

पंजाब सरकार की तत्परता और राहत कार्य

हरपाल सिंह चीमा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि पंजाब सरकार ने संकट का तुरंत और संवेदनशीलता से जवाब दिया है। अब तक 22,000 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाया गया है और लगभग 200 राहत शिविर स्थापित किए गए हैं, जहाँ 7,000 से अधिक पीड़ितों को राहत दी जा रही है।
बाढ़ राहत कार्यों के लिए एनडीआरएफ की 24 टीमें और एसडीआरएफ की 2 टीमें, 144 नावों और एक हेलीकॉप्टर के साथ तैनात की गई हैं।

राज्य सरकार ने 71 करोड़ रुपये राहत कार्यों के लिए जारी किए हैं। पूरी कैबिनेट और विधायक अपने एक महीने का वेतन मुख्यमंत्री राहत कोष में दे चुके हैं। वहीं, आप सांसद भी अपनी सांसद निधि से अधिकतम सहयोग कर रहे हैं। आबकारी एवं कराधान विभाग ने भी 50 लाख रुपये का योगदान दिया है।

केंद्र सरकार से नाराजगी

वित्त मंत्री ने बताया कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने 31 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर राज्य के लंबित 60,000 करोड़ रुपये तुरंत जारी करने की मांग की थी। इसमें जीएसटी मुआवजा, आरडीएफ और एमडीएफ, और प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना फंड शामिल हैं।
चीमा ने प्रधानमंत्री की चुप्पी की निंदा करते हुए कहा कि 25 दिन बीत जाने के बाद भी इस पत्र का कोई जवाब नहीं मिला। उन्होंने सवाल किया कि जब तालिबान-शासित अफगानिस्तान को सहायता भेजी जा सकती है तो पंजाब के नागरिकों के प्रति वही संवेदना क्यों नहीं दिखाई गई।

उन्होंने भाजपा-नीत केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि उसके मंत्री केवल फोटो खिंचवाने के लिए राज्य का दौरा कर रहे हैं, जबकि अब तक कोई ठोस राहत पैकेज या सहायता घोषित नहीं की गई।

अवैध खनन का आरोप खारिज

केंद्र द्वारा अवैध खनन को बाढ़ का कारण बताने के दावे को वित्त मंत्री ने पूरी तरह खारिज किया और इसे राजनीति से प्रेरित बयान करार दिया। उन्होंने कहा कि पंजाब जैसे राज्य, जिसने देश की रक्षा और विकास में ऐतिहासिक योगदान दिया है, को इस कठिन समय में केंद्र की ओर से मदद की जगह केवल राजनीति देखने को मिल रही है।

निष्कर्ष

प्रेस कॉन्फ्रेंस के अंत में वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने केंद्र से अपील की कि वह पंजाब के बकाया 60,000 करोड़ रुपये तुरंत जारी करे और राहत सामग्री व वित्तीय सहायता तत्काल उपलब्ध कराए। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के रवैये ने पंजाब को पूरी तरह निराश किया है और अब समय है कि इस गंभीर अन्याय को खत्म कर राज्य के पीड़ित लोगों को राहत दी जाए।

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