जिला नशा मुक्ति केंद्र की क्षमता बढ़ेगी, निजी अस्पतालों से तालमेल कर इलाज की व्यवस्था — डॉ. बलबीर सिंह
मोहाली, 16 अप्रैल (सीनियर ब्यूरो चीफ: नरिंदर):- पंजाब के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने आज मोहाली के सेक्टर 66 स्थित जिला नशा मुक्ति एवं पुनर्वास केंद्र का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि केंद्र की मौजूदा 50 बेड की आईपीडी क्षमता को बढ़ाकर 70 किया जाएगा ताकि अधिक से अधिक नशा पीड़ितों का इलाज किया जा सके। उन्होंने यह भी बताया कि राज्य सरकार नशा पीड़ितों के इलाज के लिए निजी अस्पतालों से तालमेल कर रही है।
डॉ. बलबीर सिंह ने बताया कि मोहाली के सुहाना अस्पताल के साथ बातचीत चल रही है, जहां से 100 बेड सरकार को नशा पीड़ितों के इलाज के लिए मिल सकते हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में पंजाब सरकार राज्य को नशामुक्त करने के लिए प्रतिबद्ध है और इस दिशा में सख्त कदम उठाए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार नशा तस्करों के खिलाफ सख्त रुख और नशा पीड़ितों के प्रति सहानुभूति का दृष्टिकोण अपनाए हुए है। नशा छोड़ चुके युवाओं के पुनर्वास के लिए उन्हें उद्योग की जरूरतों के अनुसार कौशल प्रशिक्षण भी दिया जाएगा ताकि वे स्वरोजगार के माध्यम से आत्मनिर्भर बन सकें।
इस अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री ने पुनर्वास केंद्र में योग केंद्र का उद्घाटन किया और बताया कि इलाजरत युवाओं के लिए खेल, योगा, किचन गार्डनिंग, जिम और काउंसलिंग जैसी सुविधाएं मुहैया करवाई जा रही हैं। उन्होंने कहा कि युवाओं को सप्ताह में दो बार भांगड़ा सिखाने की योजना भी बनाई गई है, जिसके लिए सरकारी पॉलिटेक्निक कॉलेज खूनी माजरा के प्रोफेसर गुर बख्शीश सिंह अंटाल की सेवाएं ली जाएंगी।
डॉ. बलबीर सिंह ने बताया कि कृषि विभाग, बागवानी विभाग और कृषि विज्ञान केंद्र के माध्यम से नशा पीड़ित किसान परिवारों को ड्रैगन फ्रूट और हल्दी जैसी लाभकारी फसलों की खेती के लिए प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।
स्वास्थ्य मंत्री ने पुनर्वास केंद्र में इलाज करवा रहे युवाओं से बातचीत कर उन्हें प्रेरित किया और आश्वस्त किया कि सरकार उनके लिए स्वरोजगार की व्यवस्था भी करेगी। उन्होंने कहा कि एक स्वस्थ समाज के निर्माण के लिए नशा छोड़ना जरूरी है और सभी को मिलकर इस लड़ाई में योगदान देना चाहिए।
उन्होंने कहा कि ‘युद्ध नशे विरुद्ध’ अभियान को राज्य भर में सकारात्मक प्रतिक्रिया मिल रही है, जिससे न केवल नशे की आपूर्ति पर रोक लगी है, बल्कि नशा पीड़ितों को समाज की मुख्यधारा में लाने में भी मदद मिली है। उन्होंने दोहराया कि या तो नशा तस्करों को अपना धंधा बंद करना होगा या फिर पंजाब छोड़ना पड़ेगा।
इस अवसर पर प्रमुख सचिव स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण कुमार राहुल, डिप्टी कमिश्नर कोमल मित्तल, एडीसी (विकास) सोनम चौधरी, सिविल सर्जन डॉ. संगीता जैन, डिप्टी मेडिकल कमिश्नर एवं नोडल अधिकारी डॉ. परविंदर पाल कौर और अंबेडकर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के अधीक्षक डॉ. नवदीप भी उपस्थित रहे।