पंजाब में जोर पकड़ने लगा ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ अभियान
लोकगीतों और वाहन स्टिकर के माध्यम से गांवों-मोहल्लों तक पहुंचा संदेश
चंडीगढ़, 16 अप्रैल (वरिष्ठ ब्यूरो प्रमुख – नरिंदर चावला):- देशभर में केंद्र सरकार द्वारा चलाया जा रहा ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ अभियान अब पंजाब में ज़मीनी स्तर पर तेजी से फैल रहा है। इस अभियान को जन-जन तक पहुंचाने के लिए राज्य में विशेष कार्यक्रमों की श्रृंखला शुरू की गई है, जिसका नेतृत्व प्रदेश संयोजक एसएस चन्नी कर रहे हैं। उनके साथ सह-संयोजक परमपाल कौर और अनिल सरीन भी सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं।
इस जनजागरूकता अभियान का उद्देश्य है कि हर गांव, मोहल्ले और शहर तक यह संदेश पहुंचे कि बार-बार होने वाले चुनाव देश की अर्थव्यवस्था और प्रशासन पर कितना प्रभाव डालते हैं, और कैसे एक साथ चुनाव इसका समाधान हो सकता है। ज़िला प्रमुखों, विभिन्न मोर्चों और प्रकोष्ठों की मदद से यह टीम समाज के हर वर्ग से संवाद कर रही है।
लोकगीतों से जुड़ा अभियान, स्टिकरों से बना माहौल
पंजाब की लोकभावनाओं को ध्यान में रखते हुए बुधवार को एक विशेष पंजाबी लोकगीत जारी किया गया, जिसमें ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ की अवधारणा को सरल और प्रभावशाली शब्दों में प्रस्तुत किया गया है। यह गीत गांवों और कस्बों में तेज़ी से लोकप्रिय हो रहा है। इसके साथ ही बसों, कारों और स्कूटरों पर लगाए जाने वाले विशेष स्टिकर भी जारी किए गए हैं, जो अब राज्यभर में आम देखे जा सकते हैं।
अभियान की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसमें किसी भी राजनीतिक दल, नेता या चुनाव चिह्न का उल्लेख नहीं किया गया है। इसे पूरी तरह से गैर-राजनीतिक रूप में प्रस्तुत किया जा रहा है, ताकि जनता इसे केवल सरकार की पहल नहीं, बल्कि स्वयं के हित का मुद्दा समझे।
“जनभागीदारी से बनेगा यह एक जनांदोलन” – एसएस चन्नी
प्रदेश संयोजक एसएस चन्नी ने कहा, “पंजाब ने हमेशा देशहित के मुद्दों में अग्रणी भूमिका निभाई है। ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ ऐसा ही एक ऐतिहासिक कदम है, जिससे न केवल देश के चुनावी खर्च में कमी आएगी बल्कि प्रशासनिक दक्षता भी बढ़ेगी। हमारा संकल्प है कि इस अभियान को हर घर तक पहुंचाया जाए और जनता खुद इसकी वाहक बने।”
उन्होंने कहा कि जनसहभागिता से ही यह अभियान एक सशक्त जनांदोलन में परिवर्तित होगा और देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था को और सशक्त बनाएगा।