पंजाब में पिछड़े वर्गों के आरक्षण को लेकर कांग्रेस ने उठाई आवाज, आप सरकार पर लगाया कानून की अनदेखी का आरोप
चंडीगढ़, 24 अप्रैल (नरिंदर चावला, सीनियर ब्यूरो चीफ):पंजाब में पिछड़े वर्गों को नौकरियों में आरक्षण देने के मुद्दे पर कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी (आप) सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग ने बुधवार को पार्टी मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि आप सरकार ने पिछड़े वर्गों के अधिकारों की अनदेखी की है और 2006 में कांग्रेस सरकार द्वारा पारित आरक्षण कानून को पूरी तरह लागू नहीं किया।
वड़िंग ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने 2006 में पिछड़े वर्गों को सरकारी नौकरियों में 12 प्रतिशत आरक्षण देने वाला कानून बनाया था, जिसे 2021 में अधिसूचित भी किया गया। उन्होंने कहा कि अकाली-भाजपा सरकार ने अपने दस साल के कार्यकाल में इस कानून को लागू नहीं किया और अब आप सरकार भी उसी रास्ते पर चल रही है।
विधि अधिकारियों की नियुक्ति में आरक्षण पर सवाल
राजा वड़िंग ने आरोप लगाया कि आप सरकार ने विधि अधिकारियों की नियुक्ति में आरक्षण की नीति लागू करने का दावा तो किया, लेकिन हकीकत इसके विपरीत है। उन्होंने महाधिवक्ता कार्यालय के एक पत्र का हवाला देते हुए कहा कि इसमें स्पष्ट रूप से लिखा है कि विधि अधिकारियों की नियुक्ति में किसी भी प्रकार का आरक्षण नहीं है।
उन्होंने कहा कि आप सरकार को करीब 18 महीने बाद यह एहसास हुआ कि विधि अधिकारियों की नियुक्तियों में आरक्षण देना जरूरी है, जिसके बाद उसने इसे आंशिक रूप से लागू करने की बात कही। लेकिन उन्होंने स्पष्ट किया कि यह पहल कांग्रेस सरकार की थी, न कि आप की।
पिछड़े वर्गों के अधिकारों को बहाल करने की मांग
वड़िंग ने कहा कि आप सरकार ने पिछड़े वर्गों को आरक्षण का लाभ देने से इनकार कर दिया है, जिसे तुरंत बहाल किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, “आप सरकार ने केवल उस कानून को लागू किया है जिसे हमने पारित किया था, लेकिन उसे अपना बताकर श्रेय ले रही है।”
प्रेस कॉन्फ्रेंस में पीसीसी ओबीसी विभाग के अध्यक्ष राज बख्श कंबोज, अर्शप्रीत खडियाल और बरनाला से कांग्रेस विधायक कुलदीप ढिल्लों भी मौजूद थे। सभी नेताओं ने मिलकर एक स्वर में कहा कि कांग्रेस हमेशा पिछड़े वर्गों के अधिकारों की लड़ाई लड़ती रही है और आगे भी लड़ती रहेगी।
निष्कर्ष:
कांग्रेस ने स्पष्ट कर दिया है कि पिछड़े वर्गों को उनका हक दिलाने के लिए वह किसी भी स्तर पर संघर्ष करने को तैयार है। वहीं, आप सरकार पर आरोपों के बाद राजनीतिक गलियारों में इस मुद्दे को लेकर हलचल तेज हो गई है।