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चंडीगढ़ में केरल के पारंपरिक और लोक नृत्यों की मनमोहक प्रस्तुति |

चंडीगढ़ 11-02-2025: केरल पर्यटन विभाग ने चंडीगढ़ में एक भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया, जिसमें राज्य की समृद्ध लोक और पारंपरिक कलाओं का शानदार प्रदर्शन किया गया। द ललित चंडीगढ़ में आयोजित इस कार्यक्रम में थेय्यम, मोहिनीअट्टम, कथकली और कलारीपयट्टु जैसी पारंपरिक प्रस्तुतियों ने 200 से अधिक दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।

कार्यक्रम की शुरुआत मोहिनीअट्टम की सजीव प्रस्तुति से हुई। यह नृत्य भगवान विष्णु के स्त्री अवतार “मोहिनी” से प्रेरित है। पारंपरिक सफेद और सुनहरे परिधानों में सजी नृत्यांगनाओं ने अपनी कोमल और मोहक भाव-भंगिमाओं से दर्शकों को आकर्षित किया।

इसके बाद, थेय्यम की प्रस्तुति हुई, जो अपने विस्तृत मुखौटे और नाटकीय कहानी कहने की शैली के लिए प्रसिद्ध है। इसी क्रम में कथकली, जो अपनी हरी मुखाकृति (ग्रीन-फेस मेकअप) और गहन भाव-भंगिमाओं के लिए जाना जाता है, ने दर्शकों को रोमांचित किया। कार्यक्रम में कलारीपयट्टु, भारत की सबसे प्राचीन मार्शल आर्ट, ने भी अपनी अद्भुत युद्धक तकनीकों का प्रदर्शन किया।

केरल पर्यटन विभाग अपने पर्यटन अभियान में बदलाव करते हुए केवल समुद्र तटों और बैकवाटर्स तक सीमित न रहकर अब राज्य की सांस्कृतिक विविधता को भी बढ़ावा दे रहा है। इस पहल के बारे में पर्यटन मंत्री पी.ए. मोहम्मद रियास ने कहा, “हम केरल को एक परस्पर जुड़े पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करना चाहते हैं, जहां पर्यटकों को हाउसबोट और एडवेंचर एक्टिविटीज़ से लेकर सांस्कृतिक और ऐतिहासिक अनुभवों तक की विस्तृत श्रृंखला मिल सके।”

इस आयोजन के माध्यम से केरल पर्यटन विभाग ने यह संदेश दिया कि राज्य प्रकृति, रोमांच और संस्कृति का अनूठा संगम प्रस्तुत करता है। विभाग की निदेशक, आईएएस सिखा सुरेंद्रन ने कहा कि इस तरह की पहलें केरल को एक संपूर्ण पर्यटन स्थल के रूप में स्थापित करने में सहायक होंगी।

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