शिक्षा मंत्री हरजोत बैंस ने छात्रों से आईआईएसईआर जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में प्रवेश लेने का किया आह्वान
नरिंदर चावला, एसएएस नगर, 28 फरवरी:पंजाब के शिक्षा और सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने सरकारी स्कूली छात्रों से विज्ञान विषयों पर ध्यान केंद्रित करने और भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (आईआईएसईआर), आईआईटी तथा आईआईएम जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में प्रवेश लेने का आह्वान किया है।
मोहाली स्थित आईआईएसईआर में आयोजित दो दिवसीय विज्ञान उत्सव ‘तत्व’ का उद्घाटन करते हुए शिक्षा मंत्री ने प्रसिद्ध वैज्ञानिकों सर सी वी रमन, जे सी बोस, आइजैक न्यूटन एवं कॉपरनिकस का उदाहरण दिया। उन्होंने छात्रों को इन महान वैज्ञानिकों से प्रेरणा लेकर भविष्य के वैज्ञानिक और आविष्कारक बनने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि हमें अपने आसपास की प्रत्येक वस्तु और घटनाओं से संबंधित विज्ञान का अवलोकन करना चाहिए, जिससे विज्ञान के प्रति आकर्षण बढ़ेगा।
वैज्ञानिक सोच को अपनाने की अपील
शिक्षा मंत्री बैंस ने कहा कि पहिए और आग के आविष्कार से लेकर मोबाइल फोन, हाई स्पीड ट्रेनों, हवाई जहाजों, चिकित्सा विज्ञान में उन्नति और अब चैटजीपीटी जैसे एआई उपकरणों के विकास तक, यह सब वैज्ञानिक सोच और नवाचार की प्रबल इच्छा के कारण संभव हुआ है। उन्होंने छात्रों से वैज्ञानिकों को अपना आदर्श बनाने और पुस्तकालयों में रखी पुस्तकों को अपना मित्र बनाने का आग्रह किया। उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति स्वर्गीय डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम का उदाहरण देते हुए बताया कि कैसे कठिनाइयों के बावजूद उन्होंने शिक्षा के माध्यम से सर्वोच्च पद प्राप्त किया।
आईआईएसईआर को सरकार का पूर्ण सहयोग
आईआईएसईआर मोहाली के निदेशक डॉ. अनिल कुमार त्रिपाठी को पंजाब सरकार की ओर से पूर्ण सहयोग का आश्वासन देते हुए मंत्री बैंस ने उनसे पंजाब के ग्रामीण क्षेत्र में आईआईएसईआर का आउटरीच कैंपस स्थापित करने पर विचार करने का आग्रह किया, ताकि ग्रामीण विद्यार्थियों को विज्ञान सीखने के लिए प्रेरित किया जा सके। उन्होंने कहा कि सरकार इस विस्तार के लिए स्थल उपलब्ध कराने पर विचार कर सकती है।
राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर विशेष कार्यक्रम
आईआईएसईआर के निदेशक डॉ. अनिल कुमार त्रिपाठी ने शिक्षा मंत्री का स्वागत करते हुए बताया कि 28 फरवरी को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के रूप में मनाया जाता है, जो सर सी वी रमन की ‘रमन प्रभाव’ की खोज की वर्षगांठ के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। इस खोज के लिए उन्हें 1930 में भौतिकी का नोबेल पुरस्कार मिला था। उन्होंने शिक्षा मंत्री के प्रस्ताव पर सकारात्मक विचार करने और राज्य की सेवा करने का आश्वासन दिया।
इस अवसर पर भारतीय पेट्रोलियम संस्थान, देहरादून के पूर्व निदेशक डॉ. अंजन रे, आईआईएसईआर के रजिस्ट्रार डॉ. जगदीप सिंह, डीन आउटरीच और अंतर्राष्ट्रीय संबंध डॉ. अमित की उपस्थिति में एक विज्ञान पत्रिका का भी विमोचन किया गया।
इस विज्ञान उत्सव में सैकड़ों एसओई और मेरिटोरियस स्कूलों के छात्रों ने भाग लिया और विज्ञान मॉडलों में गहरी रुचि दिखाई। पंजाब सरकार द्वारा छात्रों के लिए ऐसे और भी शैक्षणिक अवसर उपलब्ध कराने की प्रतिबद्धता व्यक्त की गई।