पंजाब में ‘युद्ध नशे विरुद्ध’ मुहिम ने पकड़ी रफ्तार: 8 दिनों में 1000 से अधिक नशा तस्कर गिरफ्तार
कैबिनेट मंत्री अमन अरोड़ा ने की कार्रवाई की समीक्षा, सामाजिक संगठनों को सहयोग के लिए किया आमंत्रित
सीनियर न्यूज रिपोर्टर: नरिंदर चावला
एस.ए.एस. नगर, 8 मार्च: पंजाब सरकार की ‘युद्ध नशे विरुद्ध’ मुहिम के तहत राज्य में नशा तस्करों के खिलाफ की जा रही कड़ी कार्रवाई के सकारात्मक परिणाम सामने आने लगे हैं। मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में बीते 8 दिनों में 1000 से अधिक नशा तस्करों को गिरफ्तार किया गया है और 700 से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं।
शनिवार को पंजाब के कैबिनेट मंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के प्रदेश अध्यक्ष अमन अरोड़ा ने एस.ए.एस. नगर में जिला अधिकारियों के साथ इस अभियान की समीक्षा बैठक की। उन्होंने बताया कि इस दौरान 50 किलो हेरोइन, 5 क्विंटल से अधिक भुक्की, 30 किलो अफीम और 22 लाख रुपये की ड्रग मनी बरामद की गई है।
नशा तस्करों के लिए सिर्फ दो विकल्प – पंजाब छोड़ो या अवैध धंधा बंद करो
कैबिनेट मंत्री अमन अरोड़ा ने सख्त लहजे में कहा कि “नशा तस्करों के पास अब सिर्फ दो ही विकल्प हैं – या तो वे अपनी अवैध गतिविधियां बंद कर दें या फिर पंजाब छोड़ दें।” उन्होंने कहा कि सरकार युवाओं को नशे की लत से बचाने के लिए हर संभव कदम उठा रही है और इस गंदे धंधे में शामिल किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा।
उन्होंने सामाजिक-धार्मिक संगठनों, राजनीतिक पार्टियों और गैर-सरकारी संगठनों (NGOs) से इस अभियान में सहयोग देने का आह्वान करते हुए कहा कि “पंजाब को नशे से मुक्त करना हम सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है, और इस जंग को मिलकर ही जीता जा सकता है।”
नशा पीड़ितों के पुनर्वास के लिए सरकार की कार्ययोजना
अमन अरोड़ा ने बताया कि पंजाब सरकार ने नशा पीड़ितों के पुनर्वास के लिए विशेष कार्ययोजना तैयार की है। नशा मुक्ति केंद्रों और OAT क्लीनिकों में जरूरी सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा रही हैं, ताकि नशे की लत में फंसे लोग समाज की मुख्यधारा में लौट सकें।
उन्होंने यह भी कहा कि “पिछली सरकारों ने अपने स्वार्थ के लिए पंजाब के युवाओं को नशे की दलदल में धकेल दिया था, लेकिन मौजूदा सरकार नशे के पैसे से बनाई गई अवैध संपत्तियों को ध्वस्त करने के लिए ठोस कदम उठा रही है।”
बैठक में शामिल हुए कई वरिष्ठ अधिकारी
इस समीक्षा बैठक में सांसद आनंदपुर साहिब मलविंदर सिंह कंग, विधायक कुलवंत सिंह और कुलजीत सिंह रंधावा, पंजाब वाटर सप्लाई और सीवरेज बोर्ड के चेयरमैन सन्नी सिंह आहलूवालिया, पंजाब राज्य महिला आयोग की चेयरपर्सन राज लाली गिल, पंजाब यूथ डेवलपमेंट बोर्ड के चेयरमैन परमिंदर सिंह गोल्डी, जिला योजना समिति की चेयरपर्सन प्रभजोत कौर, डिप्टी कमिश्नर कोमल मित्तल, एस.एस.पी. दीपक पारीक सहित विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।
कैबिनेट मंत्री ने डीसी मोहाली को निर्देश दिए कि बैठक में मिले सुझावों को लिखित रूप में सरकार को भेजा जाए, ताकि आगे की रणनीति बनाते समय उन पर विचार किया जा सके।