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78वां वार्षिक निरंकारी संत समागम: तैयारियाँ व्यापक स्तर पर जारी

दिल्ली, 10 अक्टूबर, 2025 (दि फ्रीवे ईगल):-संत निरंकारी मिशन का 78वां वार्षिक संत समागम इस वर्ष भी अपनी दिव्यता और गरिमा के अनुरूप, 31 अक्टूबर से 3 नवम्बर, 2025 तक समालखा (हरियाणा) स्थित संत निरंकारी आध्यात्मिक स्थल पर अत्यंत भव्यता, श्रद्धा और आध्यात्मिक उल्लास के साथ आयोजित किया जाएगा।

यह पावन आयोजन सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज एवं निरंकारी राजपिता रमित जी के पावन सान्निध्य में संपन्न होगा। इस शुभ सूचना से श्रद्धालु भक्तों के हृदयों में अपार हर्ष और आत्मिक ऊर्जा का संचार हो गया है।


‘आत्ममंथन’ विषय पर केंद्रित होगा समागम

इस वर्ष का वार्षिक संत समागम ‘आत्ममंथन’ विषय पर आधारित है, जो श्रद्धालुओं के लिए एक अद्भुत आध्यात्मिक यात्रा का अवसर प्रदान करेगा।
भक्तगण ब्रह्मज्ञान की ज्योति में सेवा, सिमरन और सत्संग करते हुए आनंद, प्रेम और भक्ति का अनुभव करेंगे।


सेवा भावना में रचे-बसें भक्त

समागम की तैयारियाँ अत्यंत श्रद्धा, लगन और निःस्वार्थ भावना से की जा रही हैं।
हर आयु वर्ग के श्रद्धालु — चाहे वे वृद्ध हों या युवा, महिलाएँ हों या पुरुष — तन-मन से सेवा में जुटे हुए हैं।

सुबह की पहली किरण से लेकर शाम तक हर ओर भक्ति भाव से ओतप्रोत सेवा का दृश्य देखने को मिल रहा है।
कोई मिट्टी के तसले ढो रहा है, कोई शामियाने गाढ़ रहा है, तो कोई सफाई, जल प्रबंधन और भोजन व्यवस्था में निःस्वार्थ भाव से सेवारत है।

मुख्य प्रवेश द्वार (गेट) भी आकार लेने लगा है, जो प्रेम, समरसता और आत्मिक एकत्व का प्रतीक बनेगा।


सेवा का हर क्षण बन रहा उत्सव

भक्तों के मुखमंडलों पर थकान का नामोनिशान नहीं, बल्कि उल्लास और आनंद की आभा झलक रही है।
जैसा कि सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज प्रायः प्रेरणा देती हैं —
“तन पवित्र सेवा किये, धन पवित्र दिये दान, मन पवित्र हरि भजन सों, त्रिबिध होई कल्याण।”


देश-विदेश से भक्तों का आगमन

देशभर ही नहीं, बल्कि विदेशों से भी लाखों श्रद्धालु इस समागम में भाग लेने के लिए पहुँचते हैं।
सभी के स्वागत, आवास और सुविधाओं हेतु आवश्यक प्रबंध सुचारू रूप से किए जा रहे हैं।

रेलवे स्टेशन, बस अड्डों और हवाई अड्डों पर निरंकारी सेवादल के अनुशासित सदस्य अपनी नीली और खाकी वर्दियों में श्रद्धालुओं का स्वागत करते हुए उन्हें निर्धारित स्थलों तक ससम्मान पहुँचाने में जुटे रहेंगे।


मानवता और समरसता का अनुपम पर्व

यह संत समागम केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि मानवता, एकता और शांति का महोत्सव है।
विविध संस्कृतियों, भाषाओं और क्षेत्रों से आए भक्त यहां ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ की भावना को आत्मसात करते हैं और सतगुरु की अमृतवाणी से अपनी आत्मा को जागृत करते हैं।


संदेश

इस पावन अवसर पर संत निरंकारी मिशन की ओर से हर उस सज्जन, भाई और बहन को हृदय से आमंत्रण है, जो प्रेम, शांति और समरसता के इस दिव्य महायज्ञ का हिस्सा बनना चाहते हैं।

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