LatestNewsReligious

निरंकारी मिशन की उप-प्रधान राज वासदेव जी निरंकार प्रभु में ब्रह्मलीन

दिल्ली, 13 सितम्बर 2025 – संत निरंकारी मिशन की उप-प्रधान श्रीमती राज वासदेव जी का 12 सितम्बर की देर रात निरंकार प्रभु में विलय हो गया। उन्होंने जीवनभर मिशन की सेवा, लेखन और प्रचार-प्रसार को अपना उद्देश्य बनाया। मिशन की अनेक ऐतिहासिक एवं प्रेरणादायक पुस्तकों की लेखिका के रूप में उनका नाम सदैव याद किया जाएगा।

प्रारंभिक जीवन एवं शिक्षा

श्रीमती राज वासदेव जी का जन्म 5 मई 1941 को पेशावर (पाकिस्तान) में हुआ। उनका मूल नाम राजिन्दर कौर था। विवाह के उपरांत वे ‘राज वासदेव’ नाम से जानी गईं और इसी नाम से मिशन में उनकी पहचान बनी। प्रारंभिक शिक्षा अम्बाला कैंट के खालसा हाई स्कूल से प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने पंजाब नेशनल स्कूल, अम्बाला कैंट में अध्यापन किया। अंग्रेजी विषय में एम.ए. करने के बाद वे देव कॉलेज, होशियारपुर में अंग्रेजी की प्रोफेसर नियुक्त हुईं।

मिशन के प्रति समर्पण

राज वासदेव जी ने बचपन से ही गुरु परिवार से जुड़कर मिशन की शिक्षाओं को अपनाया। उनके व्यक्तित्व में समर्पण, निर्भयता और तपस्या का भाव स्पष्ट दिखाई देता था।
1990 से उन्होंने मिशन की पत्रिकाओं व प्रकाशनों में नियमित रूप से योगदान देना शुरू किया। उनकी लेखन शैली सरल, गहन और हृदयस्पर्शी थी।

2002 में सतगुरु बाबा हरदेव सिंह जी ने उन्हें संत निरंकारी मंडल की कार्यकारिणी समिति में एडिशनल मेम्बर इंचार्ज नियुक्त किया। वे इस समिति की पहली महिला सदस्य बनीं। यह मिशन में महिलाओं की सक्रिय भूमिका को नया आयाम देने वाला कदम था।

2005 से 2009 तक उन्हें प्रकाशन विभाग और मिशन के पब्लिक स्कूलों की सेवाएं सौंपी गईं। 2013 में उन्हें प्रचार विभाग की जिम्मेदारी दी गई। उसी वर्ष उनके नेतृत्व में मिशन का पहला महिला संत समागम आयोजित हुआ।

2015 में उनके मार्गदर्शन में पहला अंग्रेज़ी माध्यम समागम – “Youth Guided by Truth” सम्पन्न हुआ, जिसमें सतगुरु बाबा हरदेव सिंह जी की पावन उपस्थिति रही। युवाओं को मिशन की शिक्षाओं से जोड़ने में उन्होंने विशेष योगदान दिया।

प्रमुख दायित्व और सेवाएं

2018 में उन्हें ब्रांच प्रशासन विभाग की जिम्मेदारी सौंपी गई, जिसमें हरियाणा, राजस्थान और गुजरात शामिल थे।
2019 में मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ की शाखा प्रशासन सेवाएं भी उनके जिम्मे आईं।
अंततः, वर्ष 2022 में सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज ने उन्हें संत निरंकारी मंडल की उप-प्रधान नियुक्त किया। इस पद को उन्होंने जीवन की अंतिम सांस तक निष्ठा और विनम्रता से निभाया।

अंतिम यात्रा और प्रेरणा दिवस

श्रीमती राज वासदेव जी की अंतिम यात्रा 13 सितम्बर को दोपहर 4:00 बजे निरंकारी कॉलोनी, दिल्ली से आरंभ होकर निगम बोध घाट पर सम्पन्न होगी।

सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज के आशीर्वाद से, निरंकारी राजपिता रमित जी की अध्यक्षता में ‘प्रेरणा दिवस’ का आयोजन 14 सितम्बर 2025 को ग्राउंड नंबर 8, बुराड़ी रोड, दिल्ली में दोपहर 3:00 से 5:30 बजे तक होगा। इस अवसर पर संतजन उनके प्रेरणादायी जीवन से सीख लेते हुए श्रद्धा सुमन अर्पित करेंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *