LatestNewsReligious

निरंकारी क्रिकेट टूर्नामेंट: खेल, अनुशासन और आध्यात्मिकता का अनूठा संगम

खेल प्रतिस्पर्धा नहीं, सौहार्द और आत्मिक उत्थान का माध्यम -निरंकारी सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज

दिल्ली, 26 फरवरी 2025: खेल केवल प्रतिस्पर्धा नहीं, बल्कि सौहार्द और आत्मिक उत्थान का माध्यम भी है। इसी भावना को साकार करते हुए संत निरंकारी आध्यात्मिक स्थल, समालखा (हरियाणा) में 25वें बाबा गुरबचन सिंह मेमोरियल क्रिकेट टूर्नामेंट (रजत जयंती) का भव्य शुभारंभ हुआ। इस प्रतिष्ठित आयोजन का उद्घाटन सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज एवं निरंकारी राजपिता रमित जी ने विधिवत रूप से किया, जिससे यह टूर्नामेंट और अधिक प्रेरणास्पद बन गया।

देशभर से 24 टीमें ले रही हैं भाग

यह प्रतिष्ठित क्रिकेट टूर्नामेंट 26 फरवरी से 12 मार्च 2025 तक चलेगा, जिसमें देशभर से 24 सर्वश्रेष्ठ क्रिकेट टीमें भाग ले रही हैं। पंजाब, जम्मू, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और गुजरात समेत विभिन्न राज्यों से युवा खिलाड़ी इस प्रतियोगिता में हिस्सा ले रहे हैं। उनके उत्साह, समर्पण और खेल भावना से यह आयोजन अत्यधिक रोमांचक बन गया है।

खेल से परे आध्यात्मिक संदेश

इस टूर्नामेंट का संचालन संत निरंकारी मंडल के सचिव श्री जोगिंदर सुखीजा के नेतृत्व में किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि युवाओं में इस टूर्नामेंट को लेकर गहरी रुचि है और बड़ी संख्या में पंजीकरण भी हुए हैं। यह आयोजन केवल खेल कौशल को बढ़ावा देने तक सीमित नहीं है, बल्कि एकता, अनुशासन और आध्यात्मिक चेतना का संदेश भी देता है।

टूर्नामेंट की शुरुआत और उद्देश्य

इस टूर्नामेंट की स्थापना बाबा हरदेव सिंह जी ने बाबा गुरबचन सिंह जी की पावन स्मृति में की थी। बाबा गुरबचन सिंह जी युवाओं को खेलों में भाग लेने के लिए प्रेरित करते थे, जिससे उनकी ऊर्जा को सार्थक दिशा दी जा सके और वे समाज व राष्ट्र के विकास में योगदान दे सकें।

सतगुरु माता जी का संदेश

सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज ने खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करते हुए कहा, “खेल केवल प्रतिस्पर्धा तक सीमित नहीं है, बल्कि यह सौहार्द, सम्मान और टीम वर्क का संदेश देता है। इस वर्ष 24 टीमों की भागीदारी यह सिद्ध करती है कि आपसी तालमेल और अपनत्व की भावना किस प्रकार सभी को एकजुट कर सकती है।”

उन्होंने आगे कहा कि टूर्नामेंट के दौरान यह देखने को मिला कि खिलाड़ी जीत-हार से परे, भाईचारे और समर्पण की भावना से खेल का आनंद ले रहे हैं। सभी टीमों ने खेल भावना का सम्मान करते हुए एक-दूसरे को नमन कर मुकाबले की शुरुआत की और मर्यादा में रहकर खेल को खेला।

सुविधाएं और व्यवस्थाएं

इस आयोजन के सफल संचालन के लिए व्यापक प्रबंध किए गए हैं। खिलाड़ियों और दर्शकों की सुविधा हेतु रिहायश, चिकित्सा सेवाएं, जलपान, आपातकालीन सहायता, सुरक्षा और पार्किंग जैसी सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित की गई हैं।

खेल के साथ आध्यात्मिक उन्नति

यह टूर्नामेंट केवल एक क्रिकेट प्रतियोगिता नहीं है, बल्कि यह युवा खिलाड़ियों के लिए आध्यात्मिक प्रेरणा का स्रोत भी है। प्रत्येक सायंकाल आयोजित होने वाले सत्संग कार्यक्रम प्रतिभागियों को मानसिक शांति, सकारात्मक ऊर्जा और आत्मिक उन्नति का मार्ग प्रदान करेंगे।

एकता और अनुशासन का प्रतीक

बाबा गुरबचन सिंह मेमोरियल क्रिकेट टूर्नामेंट सद्भाव, अनुशासन, समर्पण और भाईचारे का एक सुंदर प्रतीक है, जो खेल से परे जीवन के महत्वपूर्ण मूल्यों को भी सशक्त बनाता है। यह आयोजन दर्शाता है कि जब खेल, आध्यात्मिकता और मर्यादा का समन्वय होता है, तो प्रतियोगिता केवल जीतने का साधन नहीं, बल्कि आत्मिक उत्थान का मार्ग भी बन जाती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *